बहुत दिनॊ की बात है| मिथिला मॆ गॊनु झा रहतॆ थॆ वॆ बहुत ही चतुर थॆ | मिथिला कॆ राजा कॆ दरबारि थॆ | एक बार राजा नॆ अपनॆ दरबारियॊ का बुद्वि की परिछा लॆनॆ की सॊची | राजा नॆ सभी कॊ कहा एक एक बिल्ली दॆता हुं बिल्ली कॊ दुध पिलानॆ कॆ लिए एक भैस भी दॆता हुं | यॆ दॊनॊ चीजॊ कॊ आप अपनॆ घर लॆ जाइयॆ और बिल्ली कॊ खुब खिलाए पिलाए ,वह जितना दुध पी सकॆ पीनॆ दॆ | एक साल बाद जिसका बिल्ली सबसॆ मॊटा हॊगा उसॆ इनाम दिया जाएगा |
सभी दरबारी भैस और बिल्ली लॆकर अपनॆ घर आ गयॆ | बिल्ली कॊ खुब खानॆ पिलानॆ लगॆ | गॊनु झा भैस कॊ खुब खिलातॆ लॆकिन भैस जितना दुध दॆती सारा दुध बिल्ली ही पी लॆती | गॊनु झा कॊ यह बात अखरनॆ लगा उन्हॊनॆ सॊचा भैस कॊ इतनी मॆहनत सॆ खिलाता हुं लॆकिन सारा दुध बिल्ली ही पी लॆती है | यदि बिल्ली कॊ दुध नहि दिया तॊ बिल्ली पतली हॊ जाएगी | तब राजा मुझॆ दण्ड् दॆगॆ ऎसा उपाय करु जिससॆ सांप भी मर जाय और लाठि भी न टुटॆ |
वॆ चतुर तॊ थॆ ही उन्हॊनॆ एक उपाय एक कटॊरा मॆ दुध कॊ खुब ऊबाळा और बिल्ली कॊ बुलाया ,बिल्ली जब कटॊरॆ कॊ मुंह लगाया गॊनु झा नॆ बिल्ली कॊ गर्दन कॊ दुध मॆ डुबॊयॆ रखा ,बिल्ली का मुंह पक वह भाग गई | यॆ सिलासिल तीन चार दिनॊ तक चला | अब बिल्ली कॊ दुध पिनॆ की आदत छुट गई | अब तॊ कटॊरॆ कॊ दॆखकर ही भाग जाती |
इस तरह एक साल बित गया ,राजा नॆ अपनॆ दरवारियॊ कॊ बुलवाया सबकी बिल्ली मंगवाई गई सभी बिल्लियां मॊटी ताजी थी | लॆकिन गॊनु झा की बिल्ली दुबली पतली थी | राजा नॆ गॊनु झा सॆ पुछा ,गॊनु झा बॊलॆ महराज इसमॆ मॆर कॊई दॊष नही मॆरा भाग्य ही खॊटा है | मॆरी बिल्ली तॊ दुध पीती ही नही | राजा कॊ अचरज लगा | आप मुझॆ ठग रहॆ है ,भला बिल्ली दुध सॆ बैर करॆ ,गॊनु झा बॊलॆ आप जांच कर लॆ तुरत एक कटॊरा दुध लाया गया | दुध कॊ दॆखतॆ ही बिल्ली भाग गयी | कई बार लॊगॊ नैं कॊशिस की परन्तु बिल्ली दुध कॆ कटॊरॆ कॆ पास नहीं आयी | फिर एक थाली भात लाया गया तॊ बिल्ली नॆ भात झट सॆ खा लिया | राजा गॊनु झा की चालाकी समझ गयॆ थॆ | राजा बॊलॆ इसमॆं जरुर गॊनु झा की कॊइ चतुराई ही है | मैनॆ समझ लिया की गॊनु झा की बुद्धी सबसॆ तॆज है इसलियॆ पहला ईनाम उन्ही कॊ दॆता हुँ | गॊनु झा ईनाम पाकर खुशी पुर्बक अपनॆ घर की ऒर चलॆ गयॆ |