सिदà¥à¤§ मंगलापीठके नाम से पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मां बाला तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤° सà¥à¤‚दरी जगदमà¥à¤¬à¤¾ का मंदिर पवितà¥à¤° गंगा नदी के तट पर बड़हिया में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। à¤à¤¸à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि मंदिर से लोगों की आसà¥à¤¥à¤¾ इस कदर जà¥à¥œà¥€ है कि à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की हर मà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡à¤‚ यहां पूरी होती है।
मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ यह à¤à¥€ है कि विषधर सांप के काटने पर मां के मंदिर में पीड़ित को लाने पर यहां अà¤à¤¿à¤®à¤‚तà¥à¤°à¤¿à¤¤ जल पिलाने के बाद विष दूर हो जाता है। मंदिर समिति की ओर से यहां à¤à¤•à¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° सेवाशà¥à¤°à¤® के नाम से à¤à¤• बहà¥à¤®à¤‚जिला धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ यातà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के ठहरने के लिठबनाया गया है। शारदीय नवरातà¥à¤° à¤à¤µà¤‚ वासंतिक नवरातà¥à¤° के समय यहां दूर-दूर से शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ पहà¥à¤‚चते हैं। जहां आज मंदिर है वह जमीन सातवीं शताबà¥à¤¦à¥€ में पालवंश के पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥€ राजा इंदà¥à¤°à¤¦à¥à¤¯à¥à¤®à¥à¤¨ ने मैथिल बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£ पà¥à¤°à¤¥à¥ ठाकà¥à¤° व जय ठाकà¥à¤° को दी थी।
जगनà¥à¤¨à¤¾à¤¥à¤ªà¥à¤°à¥€ जाने के कà¥à¤°à¤® मे गंगा पार होने पर इस सà¥à¤¥à¤² पर उकà¥à¤¤ दोनों बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£ बंधà¥à¤“ं ने बिलà¥à¤²à¥€ को चूहा से लड़ते देखा था। इसमें बिलà¥à¤²à¥€ की हार हो गई। इससे उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगा यह सà¥à¤¥à¤² देवी शकà¥à¤¤à¤¿ का केनà¥à¤¦à¥à¤° है फिर दोनों बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£breitling replica बंधॠà¤à¥€ यहीं रहने लगे। जय ठाकà¥à¤° करà¥à¤® कांड के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ थे वे मैथिल बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£ तो थे ही दान पà¥à¤£à¥à¤¯ में मिली जमीन और संपतà¥à¤¤à¤¿ अपने à¤à¤¾à¤ˆ पà¥à¤°à¤¥à¥ ठाकà¥à¤° को देने लगे। इस कारण उनके à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¥‚मिहार बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£ के नाम से पà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‡ जाने लगे। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के वंश में शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° ओà¤à¤¾ पैदा हà¥à¤ जो घर से दूर रहकर गंगा तट पर कà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾ में सिदà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर रहे थे।
इसी कà¥à¤°à¤® में वे कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¥€ गठऔर वहां वैषà¥à¤£à¥‹ देवी की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की। मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि उसी कà¥à¤°à¤® में शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° ओà¤à¤¾ को सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ हà¥à¤† कि पà¥à¤°à¤¾à¤¤:काल गंगा में जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ मृतका à¤à¤• खपà¥à¤ªà¤° में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ होता दिखेगा। इसकी आराधना से संसार का दà¥à¤– दूर होगा। वह वापस बड़हिया आठऔर गंगा तट पर जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤°à¥‚पा तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤° सà¥à¤‚दरी को पà¥à¤°à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ शिखा के रूप में देखा। फिर देवी ने दरà¥à¤¶à¤¨ दिया और कहा तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ पांडितà¥à¤¯ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हूं मेरा बाला रूप बड़हिया में ही विराजमान होगा।
उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दो शरà¥à¤¤ रखी पहला यह कि मां बाला तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤° सà¥à¤‚दरीfake watches गंगा की मिटà¥à¤Ÿà¥€ में निवास करेगी तथा दूसरी शरà¥à¤¤ शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° ओà¤à¤¾ को वहीं जलसमाधि लेना होगा। शरà¥à¤¤ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° ओà¤à¤¾ ने शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€à¤¯ विधि से तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤° सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤°à¥€ महाकाली, महालकà¥à¤·à¥à¤®à¥€ और महा सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ की ¨à¤ªà¤¡ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ की तथा वहीं जल समाधि ले ली। फिर बाद में à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने à¤à¤• और ¨à¤ªà¤¡ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥€à¤§à¤° ओà¤à¤¾ के रूप में वहां की। आज à¤à¥€ मंदिर में पांच ¨à¤ªà¤¡ कीomega replica watches पूजा होती है। धरती से करीब 16 फीट की ऊंचाई पर देवी सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ है जबकि मंदिर की ऊंचाई 151 फीट है। मंदिर के शिखर पर सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ कलश के साथ मां जगदमà¥à¤¬à¤¾ का धà¥à¤µà¤œ फहरता रहता है।